दोस्तों क्या आपको पता है कि ट्रस्ट को बनाने का भी एक फार्मूला निकल गया है| जी हां अगर आप इस फार्मूले को समझ गए तो आप ट्रस्ट को आसानी से बना सकते हैं|
चाहे आपकी गर्लफ्रेंड हो या की वाइफ हो या आपका बॉस हो या आपका कोई रिलेटिव हो या कोई ऐसा फ्रेंड हो या कोई भी अनजान व्यक्ति हो वह आप पर ट्रस्ट कैसे करें|
आज बड़ी बड़ी कंपनियां अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए अपने क्लाइंट्स का ट्रस्ट बनाकर रखना चाहती है|
तो ऐसा क्या है जिससे कि हम ट्रस्ट को बना सकें|
यह एक मैथमेटिकल फार्मूला है जिसको समझने के बाद हम ट्रस्ट को आसानी से बना सकते हैं|
इंट्रोडक्शन : ट्रस्ट क्यों जरूरी है ?
मित्रों यह फार्मूला केवल रिलेशनशिप के लिए ही वैलिड नहीं है इस फार्मूले से आप अपने किसी भी मित्र, ऑफिस के साथी , कलीग्स , रिलेटिव्स और आम लोगों के अंदर भी विश्वास बना सकते हैं|
पहले सवाल एक ट्रस्ट हमारे लिए क्यों जरूरी है | इसका आंसर यह है कि अगर लोग हम पर ट्रस्ट करते हैं तो हमारी लाइफ मैं बहुत खुशियां आती है |
हम लोग खुश रहते हैं क्योंकि वह लोग हम पर विश्वास करते हैं और हम से अपने दिल की बात भी करते हैं |
हम उनके लिए एक अच्छे दोस्त की तरह होते हैं| एग्जांपल के तौर पर अमेजॉन गूगल माइक्रोसॉफ्ट एप्पल |
इन सब कस्टमर इतना विश्वास बना दिया है कि आज कस्टमर्स इन प्रोडक्ट को अपनी लाइफ स्टाइल में अच्छी खासी जगह रहते हैं|
आइए समझते हैं क्या है यह फार्मूला : इस फार्मूले का पहला पॉइंट है क्रेडिबिलिटी:
क्रेडिबिलिटी :
क्रेडिबिलिटी का मतलब सीधा है जब आप कुछ ऐसा बोलते हैं जिस पर लोग आप पर विश्वास करें आपकी हर बात को बढ़ा चढ़ाकर नहीं बोलते आप उनको उतना ही बोलते हैं जितना कि जरूरी हो| क्रेडिबिलिटी का सीधा सा अर्थ यह है शब्दों का चयन सही करें जब आप सही शब्द चुनिए हैं तो आपकी क्रेडिबिलिटी बढ़ती है |
रिलायबिलिटी :
का सीधा मतलब है – जब आप कुछ बोलते हैं तो वहीं एक्शन आपके होते हैं यानी जो आप बोलते हैं वह आप करते हैं अगर आप ऐसा ही करते हैं तो आप एक रिलायबल आदमी है जिस पर विश्वास किया जा सकता है|
सब कुछ ऐसा बोलते हैं जो आप नहीं करते तो रिलायबिलिटी का स्कोर कम हो जाता है जिससे ट्रस्ट ऑटोमेटिक कम हो जाएगा |रिलायबिलिटी का सीधा अर्थ आपके एक्शंस से है
इंटिमेसी :
इसका क्या मतलब है जब लोग आप पर विश्वास करते हैं क्योंकि वह आपको जानते हैं , कि आप यह काम क्यों कर रहे हैं उसके पीछे आपका क्या कारण है, आप का क्या उद्देश्य है | जब यह बात लोग जान जाते हैं तो आप पर ट्रस्ट और बढ़ जाता है|
जब आपके घर के लोग जानते हैं कि आप क्या काम करते हैं | आप के ऑफिस के लोग जानते हैं कि आप कौन हैं और क्या काम करते हैं और कैसा काम करते हैं | इंटिमेसी का सीधा अर्थ यह है कि आप उसे कितने अच्छे से जानते हैं आप कैसा फील करते हैं उस आदमी के बारे में |
सेल्फ ओरियंटेशन:
इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि जब आप कोई काम कर रहे हैं तो वह काम दूसरे के लिए ज्यादा इंपोर्टेंट है या आपके खुद के लिए ज्यादा इंपोर्टेंट है , आपका उस काम में कितना पर्सनल इंटरेस्ट है, आपका क्या फोकस है,
आपको कोई बेनिफिट हो रहा है या कोई प्रॉफिट हो रहा है तो आप पर से ट्रस्ट धीरे-धीरे कम होता जाएगा और अगर आप दूसरे के बारे में ज्यादा सोचते हैं तो आप पर ट्रस्ट और बढ़ता जाएगा |
मतलब आपको हर वक्त दूसरे के लिए सोचना होगा, और जो दूसरे की जरूरत है उसके हिसाब से अपनी जरूरतों को उस में फिट करना, तभी आप पर ट्रस्ट बढ़ेगा ऐसा नहीं हो सकता कि आप सिर्फ अपने बारे में सोचें कि बस आपके गोल्स पूरे हो जाएं और सामने वाले के बारे में कुछ बिना सोचे, ऐसे में आप पर से ट्रस्ट घट जाएगा |
यह बिल्कुल साधारण मैथमेटिक्स है जब आप संख्या को डिवाइड करेंगे तब देखेंगे कि नीचे की संख्या कम होनी चाहिए उसका वजन कम होना चाहिए तो आपका ट्रस्ट का स्कोर बढ़ जाएगा और सामने वाला ऑटोमेटिक आपके ऊपर ट्रस्ट करने लगेगा|